
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने वोटर लिस्ट प्रबंधन से जुड़ी प्रक्रियाओं में अहम बदलाव किए हैं। अब किसी भी नागरिक को मतदाता सूची से नाम हटाने, नया नाम जोड़ने या जानकारी सुधारने के लिए आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करना होगा। आयोग ने ई-साइन वेरिफिकेशन फीचर लागू किया है, जिससे आवेदन की प्रामाणिकता और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित होंगी।
क्यों किया गया यह बदलाव
हाल के दिनों में कई राज्यों से मतदाता सूची में गड़बड़ी और नामों के मनमाने ढंग से हटाए जाने की शिकायतें सामने आई थीं। इस विवाद को देखते हुए आयोग ने तकनीकी समाधान अपनाया है। नए सिस्टम में अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वही व्यक्ति अपने वोटर आईडी से जुड़ा आवेदन करे, जिसका नाम और मोबाइल नंबर आधार रिकॉर्ड से मेल खाता हो।
नई प्रक्रिया कैसे काम करेगी
- सबसे पहले नागरिक को ECI के ECINet पोर्टल या मोबाइल ऐप पर जाना होगा।
- यहां फॉर्म 6 (नया पंजीकरण), फॉर्म 7 (नाम हटाने/आपत्ति) या फॉर्म 8 (सुधार) ऑनलाइन भरे जा सकते हैं।
- आवेदन सबमिट करने के बाद यूज़र को ई-साइन पोर्टल पर रिडायरेक्ट किया जाएगा, जिसे CDAC (सेन्टर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) संचालित करता है।
- वहां आधार नंबर डालने पर OTP उसी मोबाइल नंबर पर आएगा, जो आधार डेटाबेस से जुड़ा है।
- ओटीपी की पुष्टि के बाद आवेदक का फॉर्म सफलतापूर्वक जमा हो जाएगा।
क्या होगा इसका असर
- अब वोटर कार्ड और आधार कार्ड पर एक जैसा नाम होना अनिवार्य होगा।
- आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर ही ई-साइन के लिए इस्तेमाल होगा, इसलिए अलग-अलग नंबर से गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाएगी।
- इससे फर्जी आवेदन और गलत पहचान के मामले रुकेंगे और मतदाता सूची अधिक पारदर्शी एवं सही बनेगी।
किन परिस्थितियों में हटाया जा सकता है नाम
फॉर्म 7 के तहत अभी भी किसी भी व्यक्ति का नाम हटवाने या आपत्ति दर्ज कराने के लिए तय कारणों का उल्लेख करना आवश्यक रहेगा। जैसे—
- संबंधित व्यक्ति अब भारतीय नागरिक नहीं है
- उसकी आयु 18 वर्ष से कम है
- मृत्यु के कारण नाम हटाना है
- स्थायी रूप से स्थानांतरण होकर अन्य क्षेत्र में रहने लगा है