भारत में वोटर कार्ड एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसके बिना कोई भी नागरिक चुनावों में वोट नहीं दे सकता। 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोग वोटर कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, इस कार्ड के साथ कुछ सख्त नियम भी जुड़े हुए हैं, जिनका पालन आवश्यक है।

वोटर कार्ड के नियम और कानून
भारत में किसी भी व्यक्ति के पास केवल एक ही वोटर कार्ड हो सकता है। यदि किसी के पास एक से अधिक वोटर कार्ड पाए जाते हैं, तो यह गैरकानूनी माना जाता है। ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को एक साल तक की जेल या भारी जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है। इसलिए यदि गलती से या किसी कारण से आपके पास दो वोटर कार्ड हैं, तो एक को तुरंत रद्द कराना आवश्यक है।
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डुप्लिकेट वोटर कार्ड का समाधान
गलती से दो वोटर कार्ड बन जाने पर चुनाव आयोग ने इसे सुधारने का मौका दिया है। आप चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने पुराने या डुप्लिकेट वोटर कार्ड को कैंसिल करा सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क करके भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
स्थानांतरण के कारण डुप्लीकेट वोटर कार्ड होना
कई बार लोग एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट हो जाते हैं, लेकिन अपने पुराने वोटर कार्ड को निरस्त नहीं करते। फिर नई जगह जाकर दूसरा वोटर कार्ड बनवा लेते हैं, जिससे उनके नाम से दो वोटर आईडी बन जाते हैं। यह भी इस समस्या का एक बड़ा कारण है। इसीलिए पुराना कार्ड कैंसिल करना जरूरी होता है।
नियमों का उल्लंघन होने पर दंड
घोषित कानून के अनुसार, एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र रखने पर आरोपी व्यक्ति पर पुलिस एक साल की सजा, जुर्माना या दोनों लगा सकती है। इसके अलावा, वोट देने का अधिकार छिनने की भी संभावना रहती है। चुनाव आयोग इसके लिए कड़ी निगरानी रखता है और उल्लंघन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करता है।
वोटर कार्ड एक लोकतांत्रिक अधिकार का प्रतीक है, इसलिए इसकी जिम्मेदारी से देखभाल करनी चाहिए। डुप्लीकेट वोटर कार्ड न बनवाएं और यदि आपके पास दो कार्ड हैं, तो तुरंत एक कार्ड को निरस्त कराएं ताकि भविष्य में कानूनी परेशानी से बचा जा सके।