उत्तर प्रदेश सरकार ने कन्याओं के उज्जवल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसे कन्या सुमंगला योजना के नाम से जाना जाता है। इस योजना के तहत लड़कियों को जन्म से लेकर उनकी शिक्षा पूरी होने तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी, जब यह राशि ₹15,000 थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है।

कन्या सुमंगला योजना क्या है?
कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार की मिशन शक्ति के तहत शुरू की गई है। इसका उद्देश्य बेटियों को आर्थिक मदद देना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। योजना के तहत जब किसी परिवार में बेटी जन्म लेती है, उस समय ₹5000 दी जाती है। शिक्षा के दौरान और खासकर 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर भी आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि बेटी की 18वीं सालगिरह के बाद उपयोग में लाई जा सकती है।
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योजना के लक्ष्य
मुख्य लक्ष्य कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करना और लड़कियों को शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना है। इस योजना से लिंग अनुपात में सुधार करने और समाज की सोच को सकारात्मक दिशा देने की कोशिश की जा रही है।
लाभ
- कुल छह किस्तों में ₹25,000 तक की आर्थिक सहायता।
- शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लड़कियों को मजबूत बनाना।
- लिंग भेदभाव और बाल विवाह को कम करना।
- गरीब परिवारों की बेटियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
पात्रता
- उत्तर प्रदेश की स्थाई निवासी हो।
- परिवार की आय ₹3 लाख से अधिक न हो।
- दो से अधिक बच्चे होने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा, पर जुड़वां बेटियों को लाभ मिलेगा।
- जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण पत्र, टीकाकरण कार्ड, फोटो आदि शामिल हैं।
आवेदन कैसे करें?
आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नागरिक पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करें। फॉर्म में सभी विवरण सही भरें। मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP से वेरिफाई करें। उसके बाद आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन जमा करें।
उत्तर प्रदेश की कन्या सुमंगला योजना एक प्रभावशाली कदम है जो बेटियों को मजबूत बनाने, उनकी सुरक्षा और भविष्य बेहतर बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसे समय पर अपनाकर अपने परिवार की बेटी के उज्जवल भविष्य की नींव रखी जा सकती है।