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Shardiya Navratri 2025: 1 या 2 अक्टूबर को कब होगा कन्या पूजन? जानें सही तिथि, मुहूर्त और पूजा सामग्री

Shardiya Navratri 2025 में कन्या पूजन को लेकर लोगों में असमंजस है कि पूजा 1 अक्टूबर को होगी या 2 अक्टूबर को। जानिए शुभ तिथि, सही मुहूर्त और पूरी पूजन सामग्री की जानकारी, ताकि माता रानी की कृपा प्राप्त हो।

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Shardiya Navratri 2025: 1 या 2 अक्टूबर को कब होगा कन्या पूजन? जानें सही तिथि, मुहूर्त और पूजा सामग्री
Shardiya Navratri 2025: 1 या 2 अक्टूबर को कब होगा कन्या पूजन? जानें सही तिथि, मुहूर्त और पूजा सामग्री

हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा और शक्ति की साधना का विशेष समय माना जाता है। इस दौरान भक्त पूरे नौ दिन उपवास और पूजा करते हैं। परंपरा के अनुसार अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है। इस दिन छोटी बच्चियों को देवी स्वरूप मानकर सम्मान और भोजन कराया जाता है। मान्यता है कि कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और परिवार पर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

कन्या पूजन क्यों किया जाता है?

कन्या पूजन को नवरात्रि की सबसे महत्वपूर्ण परंपराओं में गिना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, बालिकाओं को देवी शक्ति का रूप मानकर उनकी पूजा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। भक्त कन्याओं को आदरपूर्वक आमंत्रित कर उन्हें भोजन कराते हैं और दक्षिणा व उपहार देकर सम्मानपूर्वक विदा करते हैं। यह परंपरा केवल अष्टमी और नवमी तिथि को ही फलदायी मानी जाती है।

2025 में कन्या पूजन कब होगा?

इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 सितंबर को शाम 4:31 बजे से शुरू होगी और यह 30 सितंबर को शाम 6:06 बजे तक चलेगी। इसके बाद नवमी तिथि आरंभ होगी, जो 1 अक्टूबर को रात 7:01 बजे तक रहेगी। वहीं 2 अक्टूबर को रवि योग का विशेष संयोग रहेगा।

  • अष्टमी पूजन की तिथियां: 30 सितंबर
  • नवमी पूजन की तिथियां: 1 अक्टूबर
  • विशेष योग के अनुसार, 2 अक्टूबर की सुबह तक भी कन्या पूजन लाभकारी रहेगा।

कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त

  • अष्टमी पूजन:
    • प्रातः सन्ध्या: सुबह 5:01 से 6:13 तक
    • दूसरा मुहूर्त: सुबह 10:41 से दोपहर 12:11 तक
    • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:47 से दोपहर 12:35 तक
  • महानवमी पूजन:
    • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:37 से 5:26 तक
    • प्रातः सन्ध्या: सुबह 5:01 से 6:14 तक
    • रवि योग: 1 अक्टूबर को सुबह 8:06 से 2 अक्टूबर की सुबह 6:15 तक

कन्या पूजन की विधि

  • 2 से 10 वर्ष की आयु की कन्याओं को आमंत्रित करें।
  • स्वच्छ स्थान पर बैठाकर उनके चरण धोएं।
  • कुमकुम, चंदन और फूलों से तिलक करें।
  • बालिकाओं को लाल चुनरी ओढ़ाएं।
  • उन्हें पारंपरिक व्यंजन जैसे हलवा, पूरी और चना परोसें।
  • भोजन के बाद उपहार, वस्त्र या दक्षिणा दें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

आवश्यक सामग्री

  • चरण पादुका थाली, स्वच्छ जल और तौलिया
  • अलता या महावर
  • कुमकुम, सिंदूर, अक्षत
  • आसन या चटाई
  • पूजा थाली व दीपक
  • फूल और फूलों की माला
  • लाल चुनरी
  • भोजन (हलवा-पूरी, चना या खीर)
  • उपहार और दक्षिणा

कन्या पूजन से मिलने वाले लाभ

धार्मिक मान्यता है कि कन्या पूजन से घर में सुख-शांति आती है और नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही, मां दुर्गा की कृपा से संतान सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पूजन शास्त्रों में मोक्ष और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी माना गया है।

Shardiya Navratri 2025
Author
Shubham Rathore

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